
लक्ष्य चावला की कहानी एक ऐसे युवा की कहानी है जिसने समाज के तय रास्तों को चुनौती दी। CAT में 95 पर्सेंटाइल और टॉप B-स्कूल से MBA की डिग्री हासिल करने के बाद, उन्होंने कॉर्पोरेट जगत की चकाचौंध को छोड़कर फोटोग्राफी की दुनिया में कदम रखा।
शिक्षा और सपने
28 मार्च, 1990 को जालंधर में जन्मे लक्ष्य ने हमेशा से ही शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और फिर चेन्नई के ग्रेट लेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से MBA किया। लेकिन, उनका दिल हमेशा से ही रचनात्मकता और कला की ओर आकर्षित था।

MBA के दौरान, लक्ष्य को एहसास हुआ कि उनका असली जुनून फोटोग्राफी है। उन्होंने “60-40 फॉर्मूला” अपनाया, जिसमें 60% दिल की बात और 40% दिमाग की बात शामिल है। उन्होंने एक सुरक्षित कॉर्पोरेट नौकरी को छोड़कर फोटोग्राफी की अनिश्चित दुनिया में कदम रखा।
सफलता की नई परिभाषा
लक्ष्य का मानना है कि सफलता केवल पैसे या प्रसिद्धि में नहीं है, बल्कि उस काम में खुशी ढूंढने में है जो आपको पसंद है। उन्होंने फोटोग्राफी को अपना करियर बनाकर न केवल अपनी रचनात्मकता को व्यक्त किया, बल्कि दूसरों के खास पलों को भी यादगार बनाया।
युवाओं के लिए प्रेरणा
लक्ष्य की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने का साहस रखते हैं। उनका संदेश है कि “अपने दिल की सुनो और अपने सपनों का पीछा करो। सफलता का मतलब केवल स्थापित रास्तों का अनुसरण करना नहीं है, बल्कि अपना खुद का रास्ता बनाना भी है।”
लक्ष्य की फोटोग्राफी
लक्ष्य की फोटोग्राफी में भावनाओं की गहराई और रचनात्मकता का अनूठा संगम देखने को मिलता है। उनकी तस्वीरें न केवल खूबसूरत होती हैं, बल्कि उनमें एक कहानी भी छिपी होती है। यही कारण है कि उनकी फोटोग्राफी को इतनी सराहना मिलती है।
लक्ष्य चावला की कहानी हमें सिखाती है कि जुनून और दृढ़ संकल्प से कुछ भी संभव है।