
बॉलीवुड में आने का सपना तो हर कोई देखता है, लेकिन इसे पूरा करने के लिए कुछ अलग करना पड़ता है। बिना गॉडफादर, बिना पैसों और सिर्फ अपनी मेहनत के दम पर इंडस्ट्री में पहचान बनाना आसान नहीं होता। बिहार के छोटे से शहर से निकले कसीम हैदर मूसवी (Qaseem Haider Moosve) की कहानी भी कुछ ऐसी ही है – संघर्ष, रिजेक्शन और फिर सक्सेस!
बिहार से नजीबाबाद, फिर मुंबई की ओर
कसीम का जन्म बिहार के सासाराम में हुआ, लेकिन उनका बचपन नजीबाबाद (बिजनौर, यूपी) में बीता। स्कूलिंग के बाद उनके दिल में ख्याल आया कि कुछ बड़ा करना है, कुछ ऐसा जो लोगों को याद रहे। पहले सोचा कि लेखन करेंगे, फिर एक्टिंग का भी सपना देख लिया। लेकिन छोटे शहर से निकलकर मुंबई की चकाचौंध में अपनी जगह बनाना इतना आसान नहीं था।
रिजेक्शन के बाद खुद का रास्ता बनाया
कसीम जब मुंबई पहुंचे, तो सोचा था कि अपने टैलेंट के दम पर इंडस्ट्री में जगह बना लेंगे। लेकिन यहां कहानी कुछ और ही थी! ऑडिशन के नाम पर पैसों की डिमांड, लुक्स पर ताने और हर तरफ रिजेक्शन – एक वक्त ऐसा आया जब कसीम को लगा कि उनका सपना कभी पूरा नहीं होगा।
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी! ऑडिशन से दूरी बनाकर उन्होंने अपनी स्क्रिप्ट लिखनी शुरू की, गाने लिखे और यहां तक कि घोस्ट राइटिंग भी की, जिसमें उनके लिखे गानों का क्रेडिट दूसरों को चला जाता था। फिर उन्होंने फैसला किया – अगर कोई मौका नहीं देगा, तो खुद ही मौके बनाने होंगे!
पहला ब्रेक और फिर हिट्स की लाइन
कसीम को पहला बड़ा ब्रेक ‘हम हैं सिकंदर’ नाम के टीवी शो से मिला। इसके बाद उन्होंने ‘Pledge to Protect’ फिल्म में एक छोटा लेकिन दमदार रोल किया, जो कई फिल्म फेस्टिवल्स में सराही गई। फिर ‘Dream City Mumbai’, ‘Where Is Najeeb’ और हाल ही में ‘Hum Hai King’ जैसी फिल्मों में भी काम किया। अब वो अपनी अगली फिल्म ‘The Third Hacker’ की शूटिंग की तैयारी कर रहे हैं।
शायरी से निकली एक्टिंग की चिंगारी
कसीम सिर्फ एक एक्टर ही नहीं, बल्कि एक शानदार गीतकार और शायर भी हैं। बचपन में जब वो स्टेज पर शायरी सुनाने जाते थे, तब एक मशहूर शायर ने उनसे कहा “कुछ अपना भी सुनाओ” – इस एक लाइन ने उनकी जिंदगी बदल दी। तब से उन्होंने ठान लिया कि अब सिर्फ अपना लिखा ही सुनाएंगे। आज वो 700 से ज्यादा स्टेज शो कर चुके हैं!
खुद की फिल्में लिखेंगे, खुद बनाएंगे!
अब कसीम सिर्फ एक्टिंग ही नहीं, बल्कि फिल्में लिखने और डायरेक्ट करने की भी तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने दो फिल्में लिखी हैं, जिन्हें वो खुद डायरेक्ट करने का सपना देख रहे हैं।
सीख: सपना बड़ा हो तो हिम्मत भी बड़ी होनी चाहिए!
कसीम हैदर की कहानी यही सिखाती है कि अगर आपका सपना बड़ा है, तो मेहनत भी उतनी ही करनी होगी। बिना गॉडफादर, बिना किसी सपोर्ट के, सिर्फ टैलेंट और मेहनत के दम पर उन्होंने बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई।
तो अगर आप भी कोई बड़ा सपना देख रहे हैं, तो कसीम की कहानी आपके लिए एक इंस्पिरेशन हो सकती है! बिहार का छोरा अब बॉलीवुड का हीरो बन चुका है!