नई दिल्ली – कानून की दुनिया से संगीत की दुनिया में कदम रखते हुए, मेघना ने अपने दूसरे ग़ज़ल एल्बम ‘एहसास-ए-ज़िंदगी – एंब्रेसिंग लाइफ’ के साथ सभी को भावुक कर दिया है। यह एल्बम उनके पिता सत्या प्रकाश और मां, प्रो. अंजलि मित्तल, जो दिल्ली विश्वविद्यालय में संगीत और ललित कला संकाय की डीन थीं, को एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि है।
मां की यादों को सुरों में पिरोया
मेघना के लिए संगीत बचपन से ही एक जुनून रहा है। उनकी मां ने उन्हें संगीत के प्रति गहरा लगाव दिया था। हालांकि, उन्होंने कानून को अपना करियर चुना, लेकिन संगीत के प्रति उनका प्रेम कभी कम नहीं हुआ। ‘एहसास-ए-ज़िंदगी – एंब्रेसिंग लाइफ’ में छह खूबसूरत ग़ज़लें शामिल हैं, जिन्हें विधि शर्मा ने संगीतबद्ध किया है और पंडित अजय प्रसन्ना ने संगीत निर्देशन किया है। यह एल्बम जीवन के विभिन्न रंगों – प्यार, खोने का दर्द, खुशी, और उम्मीद जैसे भावनाओं को समर्पित है।
संगीत के जरिए मां को किया याद
मेघना कहती हैं, “यह एल्बम मेरी मां और पिता को समर्पित मेरा एक छोटा सा प्रयास है। मैं चाहती थी कि मैं उनके लिए कुछ खास करूं।”
एल्बम लॉन्च और कलाकार
एल्बम का लॉन्च कार्यक्रम 31 अगस्त को चिन्मय मिशन, नई दिल्ली में हुआ। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायिका शुभा मुदगल मुख्य अतिथि रहीं। एल्बम में मेघना के साथ तीन बार ग्रैमी पुरस्कार नामांकित अजय प्रसन्ना और विधि शर्मा ने भी अपना योगदान दिया है।
‘एहसास-ए-ज़िंदगी – एंब्रेसिंग लाइफ’ सभी प्रमुख ऑडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।
मेघना की यह पहल दिखाती है कि कैसे एक व्यक्ति अपने जुनून को कभी नहीं छोड़ सकता। उनकी यह यात्रा संगीत और माता-पिता के प्रेम के बीच एक खूबसूरत संबंध को दर्शाती है।