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प्रताप सिंह खाचरियावास की खराब छवि, भाजपा गोपाल शर्मा का बढ़ता दबदबा, आंकड़ों ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन

जयपुर की सिविल लाइंस विधानसभा सीट पर इस बार कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास और भाजपा के गोपाल शर्मा के बीच सीधी टक्कर है। इस सीट पर कांग्रेस का पिछले 25 साल से कब्जा है, लेकिन इस बार पार्टी की टेंशन बढ़ी हुई है।

इसकी मुख्य वजहें हैं:

  • प्रताप सिंह खाचरियावास की खराब छवि: पिछले कुछ सालों में खाचरियावास की छवि कुछ खराब हुई है। उन्हें कई बार विवादों में भी देखा गया है। इस वजह से उनके समर्थकों में भी नाराजगी है।
  • भाजपा का बढ़ता दबदबा: जयपुर शहर में भाजपा का बढ़ता दबदबा भी कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जयपुर के सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी।
  • आंकड़े: पिछले 15 सालों में सिविल लाइंस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है, लेकिन 2018 के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार अरुण चतुर्वेदी ने कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास को कड़ी टक्कर दी थी। खाचरियावास ने चतुर्वेदी को महज 11,129 वोटों के अंतर से हराया था।

इन सब वजहों से कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है। पार्टी को इस सीट पर जीत के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

प्रताप सिंह खाचरियावास को करना होगा इन मुद्दों पर फोकस

प्रताप सिंह खाचरियावास को इस चुनाव में जीतने के लिए निम्नलिखित मुद्दों पर फोकस करना होगा:

  • अपनी खराब छवि को सुधारना: खाचरियावास को अपने समर्थकों और मतदाताओं के बीच अपनी छवि को सुधारना होगा। उन्हें विवादों से दूर रहना होगा और जनता के बीच जाकर अपनी उपलब्धियों को बताना होगा।
  • भाजपा के बढ़ते दबदबे को रोकना: खाचरियावास को भाजपा के बढ़ते दबदबे को रोकने के लिए जयपुर शहर में कांग्रेस के संगठन को मजबूत करना होगा। उन्हें युवाओं और महिलाओं को पार्टी से जोड़ने की कोशिश करनी होगी।
  • आंकड़ों को अपने पक्ष में करना: खाचरियावास को 2018 के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार अरुण चतुर्वेदी को हराने के लिए मिले मतों को और अधिक बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए उन्हें मतदाताओं के बीच जाकर उन्हें अपनी जीत का भरोसा दिलाना होगा।