कारोबार संवाद

ट्यूशन फीस नहीं थी? बीकानेर के इस युवा ने Google और YouTube को बनाया अपना ‘असली क्लासरूम’, आज करोड़ों का मालिक!

बीकानेर, राजस्थान: आज के दौर में जब हर गली-नुक्कड़ पर कोचिंग सेंटर और लाखों की फीस वाले कॉलेज खुल गए हैं, वहीं बीकानेर का एक लड़का मेहुल पुरोहित इस धारणा को तोड़ रहा है कि कामयाबी के लिए मोटी फीस और बड़े-बड़े डिग्रियां ही सब कुछ हैं। मेहुल की कहानी सुनकर आपको लगेगा कि वाकई अगर जुनून और सीखने की ललक हो, तो इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है। जी हाँ, इस नौजवान ने ट्यूशन की महंगी फीस भरने की बजाय, Google और YouTube को ही अपना ‘असली क्लासरूम’ बना लिया, और आज मल्टीफेज डिजिटल जैसी सफल कंपनी चलाकर करोड़ों का कारोबार कर रहा है।

मां की मेहनत और Google-YouTube का ज्ञान: सफलता की नींव

10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के पावन मौके पर, मेहुल पुरोहित ने अपने दिल की बात कहकर सबको चौंका दिया। उन्होंने एक साथ दो बातें कहीं, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। एक तरफ उन्होंने अपनी मां मधु पुरोहित को अपने जीवन का सबसे पहला और सबसे बड़ा गुरु बताया, तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने Google और YouTube को भी गुरु का दर्जा दिया।

मेहुल की ये बात वाकई गौर करने लायक है। सोचिए, एक लड़का जो आज बॉलीवुड के बड़े-बड़े सेलेब्रिटीज और नामी ब्रांड्स के लिए काम करता है, वो अपनी शुरुआती पढ़ाई के लिए महंगे संस्थानों पर नहीं, बल्कि इन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भरोसा करता है। यह दिखाता है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती और ज्ञान कहीं से भी मिल सकता है, बशर्ते आपकी नीयत साफ हो।

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संघर्षों से भरा बचपन, मां का अतुलनीय त्याग

मेहुल की कहानी सिर्फ आज की कामयाबी की नहीं है, बल्कि यह संघर्ष, त्याग और अटूट हौसले की मिसाल है। 8 फरवरी 2001 को बीकानेर में जन्में मेहुल की जिंदगी आसान नहीं रही। जब वह छोटे थे, तभी उनके पिता, कृती पुरोहित का साया उनके सिर से उठ गया। ऐसे मुश्किल वक्त में उनकी मां मधु पुरोहित ने हिम्मत नहीं हारी। घर चलाने और बच्चों का भविष्य बनाने के लिए उन्होंने छोटे-मोटे काम किए, दिन-रात एक कर दी। मेहुल कहते हैं, “मेरी सर्वप्रथम मेरी गुरु मेरी माँ हैं, जिन्होंने मेरे पापा के जाने के बाद हर कदम पर संभाला, आज भी मुझे हर पल संभालती हैं।”

मेहुल बताते हैं कि जब भी वे किसी काम में असफल होते थे या हिम्मत हारने लगते थे, उनकी मां एक सच्चे मेंटर की तरह उन्हें समझाती थीं। वे हमेशा उन्हें आगे बढ़ने का हौसला देती थीं। मां का यह त्याग और मार्गदर्शन ही था, जिसने मेहुल को कभी रुकने नहीं दिया।

किताबों से ज्यादा डिजिटल क्लासरूम में सीखा!

मेहुल ने अपनी शुरुआती पढ़ाई रमेश इंग्लिश स्कूल से की और फिर प्लैनेट ऑफ कॉमर्स से हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने 2021-23 के बीच महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर से ग्रेजुएशन किया। लेकिन उनकी असली कामयाबी का सफर 11वीं क्लास में ही शुरू हो गया था, जब उन्होंने ग्राफिक डिजाइनिंग सीखी। और यहीं पर काम आए उनके ‘असली क्लासरूम’ – Google और YouTube!

ट्यूशन की महंगी फीस देने की बजाय, मेहुल ने इन प्लेटफॉर्म्स पर घंटों बिताए। ग्राफिक डिजाइनिंग के ट्यूटोरियल देखे, नई-नई चीजें सीखीं, और खुद से प्रयोग किए। यहीं से उन्होंने फ्रीलांसिंग से अपने करियर की शुरुआत की। यानी, जो ज्ञान और कौशल वो बड़े-बड़े संस्थानों में लाखों खर्च करके सीखते, वो उन्होंने अपनी लगन और इंटरनेट की मदद से हासिल कर लिया।

2021 में रखी ‘मल्टीफेज डिजिटल’ की नींव, आज करोड़ों का टर्नओवर

साल 2021 में, मेहुल ने अपनी मेहनत, रचनात्मकता और डिजिटल दुनिया की गहरी समझ के दम पर अपनी खुद की कंपनी ‘मल्टीफेज डिजिटल’ की स्थापना की। यह कंपनी आज डिजिटल ब्रांडिंग, इन्फ्लूएंसर मैनेजमेंट और बड़े-बड़े ब्रांड कैंपेन चलाने में एक्सपर्ट है। मेहुल की कड़ी मेहनत और उनके काम की गुणवत्ता ने उन्हें बॉलीवुड सेलेब्रिटीज से लेकर बड़े-बड़े कॉर्पोरेट ब्रांड्स का भरोसेमंद पार्टनर बना दिया है।

आज जब हर कोई डिग्री के पीछे भाग रहा है, मेहुल पुरोहित जैसे युवा ये साबित कर रहे हैं कि असली ज्ञान किताबों में नहीं, बल्कि सीखने की इच्छा और उसे अमल में लाने की हिम्मत में है। उनकी कहानी उन लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो आर्थिक परेशानियों के कारण अपने सपनों को अधूरा छोड़ देते हैं। मेहुल ने दिखा दिया कि अगर आप चाहें, तो Google और YouTube भी आपके ‘असली क्लासरूम’ बन सकते हैं, और आपको कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचा सकते हैं।

तो अगली बार जब आपको लगे कि आपके पास ट्यूशन फीस नहीं है, तो मेहुल पुरोहित की कहानी याद कर लीजिएगा। शायद आपके लिए भी Google और YouTube ही सफलता के नए रास्ते खोल दें!

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